आज देश मे चारो ओर गूजर अंदोलन की आग लगी हुई है। अंदोलन करना गलत नही है क्यूँकि हमारे नेता बहरे हैं।उन्हे सुनाई कम देता है। लेकिन देश की जो संपत्ति अंदोलन के नाम पर जला कर स्वाह कर दी जाती है ,उस का खामियाजा पूरे देश को भरना पडता है। उसे बचाने के लिए ऐसे अंदोलनकारीयों से सख्ती से निपट्ना चाहिए।यह सरकार का दायित्व है कि देश की संपत्ति की रक्षा करें। उन्हे सजा दे जो ऐसा करते हैं।
जो अंदोलनों के नाम पर सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करते हैं उस का पूरा मुआवजा उन अंदोलनकारीयों से वसूला जाना चाहिए जो देश की संपत्ति को जलाते या तोड़-फोड़ करते पाए जाए।इस की वसूली के लिए उन की संपत्ति तक जब्त कर लेनी चाहिए। तभी वे सुधर सकते हैं। वर्ना जितना देश आगे जाता है(वैसे भी कछुआ चाल से) उस से ज्यादा पीछे चला जाता है। ऐसे मे देश का क्या होगा ?
आप इस बारे मे क्या सोचते हैं। अपने विचार टिप्पणीयो द्वारा जरूर बताएं। हम सभी जानते हैं कि हमारे सोचने से कुछ बदलने वाला नही, जब तक की हमारे देश के कर्णधार नही सुधरेगें। और हम पूरी तरह जागरूक नही होगें।लेकिन अपने देश का कुछ तो कर्ज अदा करने की कोशिश तो करनी ही चाहिए।दूसरो को ना सही अपने को तो सुधार सकते हैं। कि जिस कारण से किसी भी अंदोलन को भड़्कानें मे मदद मिलती हो ऐसे शब्दों का हम इस्तमाल ना करें।