tag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post2161376078418826073..comments2024-02-11T14:28:37.592+05:30Comments on ******दिशाएं******: उम्मीदपरमजीत सिहँ बालीhttp://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-31716866276879879702008-11-06T10:37:00.000+05:302008-11-06T10:37:00.000+05:30bahut hi accha laga aapko padkar...sundar kalpna s...bahut hi accha laga aapko padkar...<BR/>sundar kalpna sundar ehesaas shabdon mai ho dil baat,.....!!अक्षय-मन!!https://www.blogger.com/profile/05340059809215740706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-56960594244582717322008-11-02T12:12:00.000+05:302008-11-02T12:12:00.000+05:30बहुत ही सुंदर कविता हैपरमजीत जी बहुत बधाईउधर डोलते...बहुत ही सुंदर कविता है<BR/>परमजीत जी बहुत बधाई<BR/><BR/>उधर डोलते राज ठाकरे<BR/>इधर हैं लालू हातिमताई<BR/>छटपूजा की बहुत बधाई<BR/><BR/>छटपूजा की बहुत बधाईयोगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-68996317980712821082008-11-01T21:45:00.000+05:302008-11-01T21:45:00.000+05:30सच कहा आपने भाई......मगर सबके द्वारा इस सच को समझन...सच कहा आपने भाई......मगर सबके द्वारा इस सच को समझने के बावजूद भी सब कुछ ऐसा का वैसा चलता रहता है....चलता रहेगा....!!!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-41489971501406491322008-10-31T23:09:00.000+05:302008-10-31T23:09:00.000+05:30उम्मीद दिल में ले के,ये चलते रहो,परमजीत पहुँच इक द...उम्मीद दिल में ले के,ये चलते रहो,<BR/>परमजीत पहुँच इक दिन जाएगा।<BR/><BR/>ज़रूर, हमारी सारी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं!Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-82705342238777382692008-10-30T19:10:00.000+05:302008-10-30T19:10:00.000+05:30परमजीत जी,जब-जब जो-जो होना है, तब-तब सो-सो होता है...परमजीत जी,<BR/>जब-जब जो-जो होना है, तब-तब सो-सो होता है। <BR/>जब प्रकृति अपने काम से नहीं हटती, तो हम ही क्यों अपने कर्तव्य को छोड़ें। वैसे कहना आसान है। खुद मैं भी कभी-कभी ऐसा ही महसूस करने लगता हूं। खैर फिलहाल पर्वों के दिन हैं। <BR/> आपको तथा आपके परिवार को दीपोत्सव की ढ़ेरों शुभकामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ, प्रसन्न रहें। यही मंगलकामना है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-25979446082336998492008-10-30T16:14:00.000+05:302008-10-30T16:14:00.000+05:30बहुत ख़ूब...अच्छा ख़्याल है...बहुत ख़ूब...अच्छा ख़्याल है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-11581769073744764102008-10-30T12:41:00.000+05:302008-10-30T12:41:00.000+05:30परमजीत जी नमस्कार,पहले तो आपको दीवाली की ढेरो शुभ...परमजीत जी नमस्कार,<BR/>पहले तो आपको दीवाली की ढेरो शुभकामना ,<BR/>आपका लेख और आपकी कविता बिल्कुल यथार्थ से परिचय कराती है ..<BR/>बहोत ही सुंदर और सटीक बात कही है आपने.. बधाई स्वीकार करें . <BR/><BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-28454212656240104182008-10-30T07:06:00.000+05:302008-10-30T07:06:00.000+05:30बहुत खूब कहा है, व्वाह!! भाटिया जी तो यही सोच भी र...बहुत खूब कहा है, व्वाह!! भाटिया जी तो यही सोच भी रहे थे, देखो!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-53591490955948081722008-10-30T02:17:00.001+05:302008-10-30T02:17:00.001+05:30लेखलेखराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-654290763185590505.post-35717428860249785752008-10-30T02:17:00.000+05:302008-10-30T02:17:00.000+05:30परमजीत जी आज पता नही मै सारा दिन यही सोच रहा था, ओ...परमजीत जी आज पता नही मै सारा दिन यही सोच रहा था, ओर अब आप की पोस्ट मै वही बात पढ ली, भाई उमीद तो ठीक है लेकिन जब हम लालच मै फ़ंस जाते है वो गलत है, आप का ले ओर आप की कविता बहुत ही सुन्दर लगी.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com