मेरा सच
मुझे ही मुँह चिढाता है
जब उसे सुन
कोई मेरा अपना ही
दुखी हो जाता है।
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मैंने जो पाया
उसमे उन्हें
साजिश लगती है।
उसे पाने में
मैंने क्या खोया
वे जानना नही चाहते....
उन्हें बस अपनी सोच
वाज़िब लगती है।
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मुझे ही मुँह चिढाता है
जब उसे सुन
कोई मेरा अपना ही
दुखी हो जाता है।
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मैंने जो पाया
उसमे उन्हें
साजिश लगती है।
उसे पाने में
मैंने क्या खोया
वे जानना नही चाहते....
उन्हें बस अपनी सोच
वाज़िब लगती है।
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अर्थभरी व भावभरी क्षणिकाएँ
ReplyDeleteसुन्दर....
ReplyDeleteदेखने में छोटी लेकिन अर्थपूर्ण...
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना,,,
ReplyDeleteRecent post: जनता सबक सिखायेगी...
अर्थपूर्ण ... अपना अपना अर्थ ढूंढते हैं सब ...
ReplyDeleteसभी लाजवाब ...
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन खुद को बचाएँ हीट स्ट्रोक से - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteआपकी प्रस्तुति कल के चर्चा मंच पर है
ReplyDeleteधन्यवाद
सभी क्षणिकाएं एक से बढ़कर एक ...
ReplyDeleteआभार
बेहतरीन...अर्थपूर्ण....
ReplyDeleteसंक्षेप में बहुत कुछ कहदिया |
ReplyDeleteआशा
asha
हर एक क्षणिका लाजवाब
ReplyDeleteसाभार !
कम शब्दों में भी क्या कुछ नहीं कहा जा सकता.
ReplyDeleteबहुत सुंदर आपकी क्षणिकाएं ।
ReplyDeleteSend Birthday Gifts to India Online
ReplyDeleteGifts For Birthday