हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
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Monday, July 30, 2007
सच कैसे कहूँ ?
नोट- इस कार्टून को किसी की भावनाओं को आहत करने के लिए नही बनाया गया है।यदि किसी की भावनाओं को इस से ठेस पहुँचती है तो मैं उन से क्षमा चाहूँगा।
जब भी हमसे संबंधित कुछ लिखें, डिसक्लेमर लगाने की जरुरत न महसूस करें कि बुरा मान जायेंगे. दिल खोल कर बिंदास बोलें!! कभी पलटवार की जरुरत महसूस हुई तो अपने ब्लॉग से करेंगे न भाई. काहे चिन्ता करते हो--हा हा!! :)
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वाह! लगता है अभी जो लेख पढ़ कर आया हूँ उस का जवाब है।अच्छा व्यंग्य है।
ReplyDeleteHi,
ReplyDeleteDid you know you can also post ToonDoos in Hindi, or any other international language for that matter?
Just use the worldmap rectangles in the text-bubble area, instead of the simple white rectangles.
Rajendran.
ToonDude from www.jambav.com
राजेन्द्रन जी की बात पर ध्यान दीजिये; कार्टूनों के संवाद भी देवनागरी में लिखिये।
ReplyDeleteबाकी बहुत अच्छा है।
जब भी हमसे संबंधित कुछ लिखें, डिसक्लेमर लगाने की जरुरत न महसूस करें कि बुरा मान जायेंगे. दिल खोल कर बिंदास बोलें!! कभी पलटवार की जरुरत महसूस हुई तो अपने ब्लॉग से करेंगे न भाई. काहे चिन्ता करते हो--हा हा!! :)
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन!!
जबरदस्त व्यंग हुआ है…मैं भी सोंच रहा हूँ कि मैं क्या हूँ :)
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