हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
निश्चित ही आज हम अपने खालीपन को ही तलाश कर रहे हैं और वह है बालपन… जिसकी चंचल कविता मिटती जा रही है… बहुत सही टटोला है मन के आवेगों को… बहुत अच्छा लगा हमेशा की तरह पर एक-दो पंक्तियाँ और… मन नहीं भरा…।
Thank you so much! I am blessed that you left your footprint in my blog! I found it inquisitive. And then I started to read your blog today in morning. Aapka blog achha hai or mujhe aapke blog se bahut kuchh hindi mei padhne or sikhne ko milega. I am happy. Please do suggest me so that i can improve my lekhni.
I liked these lines very much.
"कहीं कुछ तो है जो तलाश बनी रहती है भीतर एक खालीपन को भरनें के लिए"
few lines from my side-
"खालीपन की कविताएँ, कभी खाली नही होता, भरता है यह भावों से, फिर अधूरा नही लगता!"
Main aapse bahut choty hun, koi galtiyan ho to plz maaf kar mujhe suggest karna aap.
आप द्वारा की गई टिप्पणीयां आप के ब्लोग पर पहुँचनें में मदद करती हैं और आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है।अत: अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।
गहरी सोच
ReplyDeleteलिखते रहें
संजय गुलाटी मुसाफिर
सुंदर भाव……किसी हद तक सच भी ……
ReplyDeleteexcellent choice of words and very expressive . many meanings great piece of writing
ReplyDeleteबेहतरीन!!!
ReplyDeleteहो जाने दो खाली...मगर जब भी भरना अपनी मर्जी से ही भरना वरना तो भरा भी खाली ही समझो. :)
निश्चित ही आज हम अपने खालीपन को ही तलाश कर रहे हैं और वह है बालपन… जिसकी चंचल कविता मिटती जा रही है… बहुत सही टटोला है मन के आवेगों को… बहुत अच्छा लगा हमेशा की तरह पर एक-दो पंक्तियाँ और…
ReplyDeleteमन नहीं भरा…।
बहुत सुन्दर भाव !
ReplyDeleteघुघूती बासूती
देखा जो आईना तो भरम, मेरा भी टूटा।
ReplyDeleteजाना जो सच मैनें, तो अपने आप से रुठा।
-----------------------------
क्या बात है आजकल उदासी से भरि कविताएं लिख रहैं हैं।
दीपक भारतदीप
Hello Param Sir,
ReplyDeleteThank you so much! I am blessed that you left your footprint in my blog! I found it inquisitive. And then I started to read your blog today in morning. Aapka blog achha hai or mujhe aapke blog se bahut kuchh hindi mei padhne or sikhne ko milega. I am happy. Please do suggest me so that i can improve my lekhni.
I liked these lines very much.
"कहीं
कुछ तो है
जो तलाश बनी रहती है भीतर
एक खालीपन को
भरनें के लिए"
few lines from my side-
"खालीपन की कविताएँ,
कभी खाली नही होता,
भरता है यह भावों से,
फिर अधूरा नही लगता!"
Main aapse bahut choty hun, koi galtiyan ho to plz maaf kar mujhe suggest karna aap.
Thnx & rgds,
Rewa Smriti.
www.rewa.wordpress.com
A little correction needed....dhyan nahi raha likhte waqt....sorry
ReplyDeletehere is in corrected version:-
खालीपन की कविताएँ,
कभी खाली नही होती,
भरता है यह भावों से,
फिर अधूरी नही लगती!
rgds,
www.rewa.wordpress.com