अपनी गली में
एक घर के बाहर
कुत्ते को रोते देख कर
परेशान हो गया।
एक घर के बाहर
कुत्ते को रोते देख कर
परेशान हो गया।
वह कुत्ता रोता बिलखता
तड़प-तड़प कर सो गया।
इस से पहले मैनें कभी कुत्ते को
मरते ना देखा था
बस लोगो को कहते सुना था
एक दिन ऐसा आएगा
शैतान ,
कुत्ते की मौत मारा जाएगा।
एक दिन ऐसा आएगा
शैतान ,
कुत्ते की मौत मारा जाएगा।
वह कुत्ता तो शैतान ना था।
वह सदा रात-रात भर जाग कर,
लोगो की सेवा करता रहा।
उस की मौत पर
किसी आँख से एक आँसु ना बहा।
शायद इसी लिए लोग
कुत्ते की मौत मरना
पसंद नही करते।
क्यूँकि वह जानते हैं
कुत्ते जैसी सेवा वह ना कर पाएगें।
वह तो एक-दूसरे के परदे ढापनें के लिए
सदा एक-दूसरे की अर्थी सजाएगें।
बहुत भावपूर्ण और गहरी कविता, बधाई.
ReplyDeleteआपकी यह रचना वाक़ई संवेदनशील है!
ReplyDeleteक्या बात हे परम जीत जी कितनी गहरी बात आप ने कविता के रुप मे कह दी, धन्यवाद इस सुन्दर कविता के लिये
ReplyDeleteबहुत हृदयस्पर्शी कविता है. धन्यवाद!
ReplyDeletebahut badiya .......
ReplyDeleteसदा एक-दूसरे की अर्थी सजाएगें।
ReplyDeleteबहुत गहराई से लिखी है !
शुभकामनाए !
बहुत ही मर्मस्पर्शी रचना
ReplyDeleteदीपक भारतदीप
कई दिनों बाद आपके ब्लाग पर आना हुआ है पर पढ़ कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हो गया हूँ.
ReplyDeleteबधाई.
सुन्दर और गहरी रचना
ReplyDeleteअच्छी ,संवेदन शील , और समर्थ रचना के लिए बहुत बधाई और प्रोत्साहन की लिए आभार
ReplyDeleteस्नेह बनाए रखें परमजीत जी
vha parmjeet ji, aesi baato ko likhana hi bhut badi baat hai.
ReplyDeleteवाह बहुत ही मर्मस्पर्शी कविता है..!!
ReplyDeleteठीक बात लिखी है। कुछ ऐसा ही मेरे मन में भी आया, ऐसी ही घटना देख कर।
ReplyDeleteabe tumharee gaharee kahaneee ki m.... yae sab kya bakhch... ho rahi hai yahan pae... mujhe to
ReplyDeleteapne approval ko apne paas rakh lae bhai jo bhi isko manage kar raha hai... yae sala bhi kuch approval ki cheez hai...
ReplyDeletelae mera mail id: kunalsehgal_24@yahoo.co.in