अपनी नाकामियों को
आपस में संवेदनाएं प्रकट कर
भूल जाना।
एक दूसरे पर
अरोप-प्रत्यारोप लगा
देश की जनता को भटकाना ।
यह हमारे देश की
सभी सरकारों का काम है।
इसी लिए
"मेरा भारत महान है।"
हमें भविष्य के सपनें देखनें
अच्छे लगते हैं।
इसी लिए हम
वर्तमान में नही जीते।
हर क्षेत्र में सदा
नजर आते हैं रीते।
हमारी यह सोच अब आम है।
इसी लिए
"मेरा भारत महान है।"
सवाल यह नही है कि
आतंकवादी आतंक फैलाते हैं।
सवाल यह है कि
हमें सभी आतंकवादी
धार्मिक क्यूँ नजर आते हैं?
हमें समझना होगा
हमारी इस सोच का
आधार क्या है?
हमारे नेताओं का
व्यापार क्या है?
हमारी सोच को
इस तरह बदलना
किसका काम है।
जानतें हम सभी हैं।
लेकिन कुछ करते नहीं।
इसी लिए
मेरा भारत महान है।
मेरे देशवासीयों
अब तो जागो!
अपने मत कि गोलियों से
ऐसे नेताओं के सीनें को दागो।
पार्टियों के नाम को नहीं,
अच्छे इन्सानों को जिताओ।
इन नालायकों से
अपनें देश को बचाओ।
यदि तुम कर सके
तो यही सबसे बड़ा
तुम्हारा काम है।
तभी तुम कहने के हकदार हो-
"मेरा भारत महान है।"
bharat to mahan hee hai jo aise aise neta ko gale lagaye baitha hai. narayan narayan
ReplyDelete" सच कहा बेहद शर्मनाक और दर्दनाक है.., सभी शहीदों को श्रधान्जली
ReplyDeleteफ़िर भी हम कहते हैं मेरा भारत महान है।
ReplyDeletebahut pahale sunaa thaa..
ReplyDelete100 me se 99 beimaan
phir bhi meraa bhaarat mahaan?
bahut saralta se kadwi saccahi ko dikha diya.....
ReplyDeleteek mahaan aur desh ke liye chintit vyakti hi aisa kar sakta hai...
aur desh ki vartmaan haalat....
bahut accha....
एक दर्पण,दो पहलू और ना जाने कितने नजरिये /एक सिपाही और एक अमर शहीद का दर्पण और एक आवाज
अक्षय,अमर,अमिट है मेरा अस्तित्व वो शहीद मैं हूं
मेरा जीवित कोई अस्तित्व नही पर तेरा जीवन मैं हूं
पर तेरा जीवन मैं हूं
अक्षय-मन
sach kaha aapne, isiliye to hum mahan hain.
ReplyDelete100 में से 99 बेईमान
ReplyDeleteफिर भी मेरा देश महान !
बहोत खूब लिखा है आपने ढेरो बधाई आपको...
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है।
ReplyDeleteमेरा भारत महान है.......................................
ReplyDeleteसच ही नेताओं के सीनों मे गोली (मत की) दागने की जरूरत है, मुश्किल वक्त में भी जो एक नही हो सकते । दिखावे के लिये भी नही, हद है ओछेपन की ।
sach likha hai ..
ReplyDeleteहमें सभी आतंकवादी
धार्मिक क्यूँ नजर आते हैं?
aantakvadiyon ka koi dharm nahi hota .dharm to insano ka hota hai or vo to insaan kahlane ke layak hi nahi hote
agar aaj bhi nahi jage to phir kabhi ye kahne ke layak nahi rahnge ki
मेरा भारत महान है।"
बाली साहब !
ReplyDeleteमज़ा आगया , बेहतरीन रचना के लिए शुभकामनायें !
very good poem
ReplyDeletei like this poem
very much