रात गई आया उजियाला फिर नयी प्रभात हुई,
तुम बिन कौन सहारा मेरा,जिसने मेरी बात सुनी।
तेरा लिए आसरा चलता अनजानें इन रस्तों पर,
कदम-कदम पर अपनों की हमनें तो बस घात सही।
क्या हम मंजिल पर पहुँचेगें तेरे किए इशारों पर,
या फिर रस्ते में टूटेगीं साँसों की सौगात कहीं।
रात गई आया उजियाला फिर नयी प्रभात हुई,
तुम बिन कौन सहारा मेरा,जिसने मेरी बात सुनी।
तुम बिन कौन सहारा मेरा,जिसने मेरी बात सुनी।
तेरा लिए आसरा चलता अनजानें इन रस्तों पर,
कदम-कदम पर अपनों की हमनें तो बस घात सही।
क्या हम मंजिल पर पहुँचेगें तेरे किए इशारों पर,
या फिर रस्ते में टूटेगीं साँसों की सौगात कहीं।
रात गई आया उजियाला फिर नयी प्रभात हुई,
तुम बिन कौन सहारा मेरा,जिसने मेरी बात सुनी।
आपाधापी और भागमभाग के इस दौर मे मौकापरस्ती को बयां करती पोस्ट्।सच ऐसे मे अपने किसी करीबी के सहारे की सख्त ज़रूरत महसूस होती है।बहुत बढिया लिखा आपने।
ReplyDeleteapne vichaar to achhe rakhe hai Sir...par aaki rhyming scheme pe thoda aitraaz hai mujhe,galat to nahi hai,par flow ko thoda weak bana rahee hai
ReplyDeletewww.pyasasajal.blogspot.com
एक से एक आला शे'र
ReplyDelete---
चर्चा । Discuss INDIA
khoobsoorat rachna.
ReplyDeleteक्या शे'र हैं, दिल लुभा गया...
ReplyDeleteatisundar kawita our picture .......manmohak.....prabhaawshali
ReplyDeleteलाजवाब चित्र के साथ अच्छी रचना .......... aashaa और उम्मीद से भरी
ReplyDeletebahut sundar chitr ke sath ek ashavadii aur khubsoorat rachana,saral ,sahaj aur bodhgamya.
ReplyDeleteHemantKunar
बहुत ही सुंदर चित्र, ओर उस से भी सुंदर शेर.
ReplyDeleteधन्यवाद
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
मंज़िल मिले न मिले ,
ReplyDeleteइसका कोइ गम नहीं ,
सुकूं है तो इस बात का ,
जुस्तजू-ए-मंज़िल मेरा कारवां तो है ||
aaturta aur pukaar liye oorjavaan rachna.
ReplyDeleteBahut sundar rachana...
ReplyDeleteRegards..
DevPalmistry
annt ka sanidh pane ko atur ak sundar rchna .
ReplyDeleteचित्र ने रचना में जान डाल दी या रचना ने चित्र में, बता पाना मुश्किल है. बेहतरीन रचा है, बधाई.
ReplyDeletesachitra bahut achchhi rachana
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अध्यात्मक मन से बहती सरिता ऐसे ही अपने प्रवाह के साथ बहा ले जाती है बधाई आभार्
ReplyDeletesundar rachna vishesh tur par 2nd sher dil ko choo gaya:
ReplyDeleteshabod main dube khubsurat ehsaas,...........
ReplyDeletebahut accha likha hai....
बेहतरीन !
ReplyDeletebahut badia........
ReplyDeleteaadarniya baali saheb ,
ReplyDeletenamaskar
deri se aane ke liye kshama chahunga..
aapki rachna padhkar man ek spiritual feel me chala gaya .. aashaao ko jagaati hui rachna .. prakruti ke kareeb le jaati rachna ..
meri badhai sweeka r karen..
aapka
vijay
yanha blog ki duniya main aapsi cheetakashi ke alawa naya rachne ka utsah nahi dikhta. aap aise blogger hain jo sachche lagte hain aur vrihdaranyak upnishad ki pankti aatmanastu kamay sarv priyam bhavtu ko jeete huye lagte hain.
ReplyDeletekya baat hai!!!
ReplyDeleteatisundar...
BAHOT HI KHUBSURTI SE AAPNEAPNI BAAT KO... DHERO BADHAAYEE.............
ReplyDeleteARSH
kya baat hai..
ReplyDeletebahut hi sundar...