हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
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Tuesday, December 2, 2014
क्षणिकाएं
नंगा आदमी कभी अपमानित नही होता| जो अपने को आवरणों से ढापे रहते हैं.. वही नंगे हो सकते हैं। हम ऐसे बीज क्यूँ बोते हैं ?
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