हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
Saturday, December 11, 2010
एक प्रेम गीत....
किसे याद करें.... किसे भूले हम
वक्त की मार से रोई आँखें ......
जिसने भी प्यार की दुनिया में रखा होगा कदम
दिल मे होगा इक दर्द बैठा होगा कही गम
याद आती होगी उसको यार की बाँहें......
सर्द रातों मे चेहरा उनका दिखता है अक्सर
उदास होती है जिन्दगी कटॆगा कैसे सफर
भुल जाती हैं अब चलते चलते ये राहें.........
प्यार के गीत का मतलब कुछ नही होता
जिसने पाया है वही तो अक्सर है खोता
गवाही देती हैं इसकी गूँजती ये आहें.....
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