जिन्दगी मे खुशी और पाये हैं, कितने गम।
कौन है दोस्त और दुश्मन हमारा कौन यहाँ-
रोते आए थे ,क्या रोते हुए ही जायेगें हम।
देख दुनिया का तमाशा तुझे करना क्या है।
एक दिन मरना है तो मौत से डरना क्या है।
अपने को पहचान ले,गर सच में जीना है-
बेहोशी में गर जी लिये तो,ये जीना क्या है।
प्रेम के बदले जो, प्रेम की चाह करता है।
अपना बन के वही दोस्त छला करता है।
प्रेमी प्रेम के बदले , कुछ चाहता ही नही-
उसी की खातिर जीता है और मरता है।


















