चिन्तन का ढंग
१.
कल हमारे मोहल्ले में
एक साइकिल पंचर हो गई
शोर मच गया-
शायद उग्रवादीयों ने की है
क्यूँकि-
साइकिल गैर मुस्लिम की थी।
२.
तुम जानते हो
कुत्ता कब पागल होता है?
मर्ज कब बिगड़ता है ?
जब सही औषधी से
निदान ना हो
या सही आदमी का
सम्मान ना हो।
३.
रोटी समस्या नही
रोटी तो बँट जाएगी
इन्सान में
इन्सानियत जब आएगी ।
बहुत सही:
ReplyDeleteरोटी समस्या नही
रोटी तो बँट जाएगी
इन्सान में
इन्सानियत जब आएगी ।
--बहुत गहराई है, बधाई. और लिखो, शुभकामनायें.
आपका "चिंतन का ढ़ंग" बेहद पसंद आया.
ReplyDeleteरोटी समस्या नही
रोटी तो बँट जाएगी
इन्सान में
इन्सानियत जब आएगी ।
सही कहा है आपने. बधाई!
क्षणिका "घाव करे गंभीर" वाली विधा है..आपकी रचनाओं नें सूई का काम बखूबी किया है। बधाई..
ReplyDelete*** राजीव रंजन प्रसाद
Paramjit ji,
ReplyDeleteYour blog has been added to HindiBlogs.com. I would appreciate if you can also link us back.
Thanks & Regards,
Punit Pandey
बहुत अच्छा और बहुत पते का लिखा है आपने।
ReplyDeleteघुघूती बासूती
Valentines Day Roses Online
ReplyDelete