Pages

Wednesday, November 14, 2007

सच्चाई



हवाओं मे बहती
खुशबू लगता है
बहुत दूर से आ रही है
शायद कहीं फूल खिले हैं
या फिर दो दिल मिले हैं।


क्या तुम्हारे आस-पास
यह महक कभी नही बही?
किसी ने यह बात
तुमसे नही कही?


आप ठीक समझे!
यह कल्पना की उड़ान है
वास्तव में तो आस-पास
उफान ही उफान है।

5 comments:

  1. मेरे लिए तो यह कल्पना की उड़ान नही है. क्योंकि मेरे आस पास ये महक हरदम रहती है. बहुत अच्छी कविता. सुंदर.

    ReplyDelete
  2. यथार्थ की पथरीली धरती से टकराकर चूर होते सपनों की कहानी है आप की ये रचना
    बहुत सुंदर ..बधाई

    नीरज

    ReplyDelete
  3. bahut sundar hai, kya baat kahi hai

    हवाओं मे बहतीखुशबू लगता हैबहुत दूर से आ रही हैशायद कहीं फूल खिले हैंया फिर दो दिल मिले हैं।

    ReplyDelete

आप द्वारा की गई टिप्पणीयां आप के ब्लोग पर पहुँचनें में मदद करती हैं और आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है।अत: अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।