हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
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Monday, January 4, 2010
दिल की बातें.........
दिल की बातों का असर अब नही होता।
दुसरो के लिए कोई यहा अब नही रोता।
जिन्हें सदा देख कर , मुस्कराते थे हम,
उनकी तस्वीर है ये, यकी अब नही होता।
खेल है किस्मत का या कहर है उनका,
खुदा भी मेहरबा हम पर, अब नही होता।
अब दिल की बातों को सुनना छोड़ दिया,
परमजीत दिल सबके पास अब नही होता।
एक प्रभावशाली गजल जिसके सभी शेर सारगर्भित हैं खासतौर पर ... जिन्हे सदा देखकर .... तथा ....दिल सबके पास अब ... दिल को छूने वाले हैं, यह गजल लगभग सभी को प्रभावित करेगी !!!!!!
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सभी शेर इस गजल के अच्छॆ लगे.
ReplyDeleteधन्यवाद
बहुत उम्दा!!
ReplyDelete’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
ReplyDelete-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
बढ़िया बात कही आपने आज कल हर जगह मिलावट है ..खूबसूरत शेर..सच्चाई से रूबरू करते हुए..बधाई!!!
ReplyDeleteलाजवाब गज़ल है बधाई ।
ReplyDeleteजिन्हें देख कर ----- शेर बहुत अच्छा लगा।
अच्छी रचना , नव वर्ष मंगलमय हो
ReplyDeleteपरमजीत जी
ReplyDeleteअच्छी रचना......
...... नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनायें.....!
ईश्वर से कामना है कि यह वर्ष आपके सुख और समृद्धि को और ऊँचाई प्रदान करे.
गहरे भाव लिए हुए इस सदाबहार गजल के लिए बधाई स्वीकार करें!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteउम्दा शेर सभी।
ReplyDeleteસહી कहा आपने हरकिसी के पास अब दिल नहीं होता\\
ReplyDeleteआज इस पर बात चल रही थी हमारी और बाद में आपकी कविता सामने आ गई।
बहुत बढ़िया..बात कही आपने....
ReplyDeleteसुंदर....
bahut achhi rachna .
ReplyDeletedil to fir bhi rkhne ka dava krte hai hai log par us dil me kisi ke liye dard nahi hota .
अब दिल की बातों को सुनना छोड़ दिया
ReplyDeleteपरमजीत दिल अब सबके पास नहीं होता
..वाह।
एक प्रभावशाली गजल जिसके सभी शेर सारगर्भित हैं खासतौर पर ... जिन्हे सदा देखकर .... तथा ....दिल सबके पास अब ... दिल को छूने वाले हैं, यह गजल लगभग सभी को प्रभावित करेगी !!!!!!
ReplyDeleteछोटीसी पर बहुत उम्दा गज़ल । गागर में सागर वाली बात ।
ReplyDeleteजिन्हें सदा देख कर मुस्कुराते थे हम
ReplyDeleteउनकी तस्वीर है ये यकीं अब नहीं होता ......
बल्ले बल्ले ....बाली जी ऐसा क्या हो गया तस्वीर में .....???
hame bhool gaye kya...
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