Pages

Monday, January 11, 2010

कुछ क्षणिकाएं


ठंड बहुत है....
इसी लिए सरकार ने
गरीबों के लिए
ठंड से बचाने के लिए
यह जुगत लगाई है -
महँगाई की आग जलाई है।
*******************

जब कोई गलत आदमी
सही बात बोलता है....
आदमी को नहीं 
उस की बात को 
मान देना चाहिए।
यदि यह तुम्हें 
स्वीकार नही...
अपने को -

पहचान लेना चाहिए।
****************

मैं हमेशा चाहता था....
मेरा मालिक-
मेरे हर प्रश्न का उत्तर दे।
लेकिन ...
वह सदा रहता मौन था।
आज जब -

मैं मालिक बन गया हूँ
नही जानता....
प्रश्न पूछने वाला कौन था ?
******************

23 comments:

  1. काश!! इस मंहगाई की आग से कम से कम इतना ही हो जाता कि ठंड से राहत हो लेती...मगर हाय नसीब!१


    बेहतरीन क्षणिकायें...

    ReplyDelete
  2. महंगाई की आग से ठण्ड तो जाएगी कैसे ......अच्छी क्षणिकाएं . सुभकामनाएँ !!

    ReplyDelete
  3. प्रश्न पूछने वाला कौन था?


    छा गए गुरू!

    ReplyDelete
  4. महंगाई !!! बेहद सार्थक अभिव्यक्ति...

    regards

    ReplyDelete
  5. बहुत ही आनंद दायक और कुछ सवाल उठाती हुई हैं ये क्षणिकायें..

    ReplyDelete
  6. बहुत खूब , छोटी सी क्षणिका अपने आप में बहुत कुछ समेटे हुए है । अच्छा लगा

    ReplyDelete
  7. कमाल की क्षणिकाएँ है ......... लाजवाब ......... सच है आजकल मंहगाई की आग लगी हुई है ..........

    ReplyDelete
  8. waah ...........ek se badhkar ek aur gazab ki kshanikayein hain............teenon hi kabil-e-tarif.

    ReplyDelete
  9. बहुत कमाल की बात की है चंद लाइनों में बहुत कुछ कह दिया है कमाल की आग लगायी है

    ReplyDelete
  10. दोनों क्षणिकाओं ने पुरजोर असर डाला है

    ReplyDelete
  11. आपके विचार सराहनीय हैं।
    द्वीपांतर परिवार की ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  12. परम जीत जी बेहद खूबसूरत अंदाज़ में आपने अपनी रचना में कमाल की बात की है...बधाई
    नीरज

    ReplyDelete
  13. सही कहा, समय के साथ आदमी की सोच भी बदल जाती है।
    सुन्दर क्षणिकाएं।

    ReplyDelete
  14. तीनों क्षणिकाएं बहुत सुन्दर हैं.
    ठण्ड बहुत है..
    इसी लिए सरकार ने
    ग़रीबों के लिए
    यह जुगत लगाई है
    महंगाई की आग जलाई है.
    बहुत सुन्दर.
    महावीर शर्मा

    ReplyDelete
  15. बाली जी पहली और आखिरी क्षणिका ने तो कमाल कर दिया बहुत सटीक रचना है बधाई

    ReplyDelete
  16. बहुत सुंदर लगी आप की क्षणिकयें.
    धन्यवाद

    ReplyDelete
  17. बहुत ही चुटीली क्षणिकायें हैं।

    ReplyDelete
  18. ...सभी रचनाएं बेहद प्रसंशनीय है!!!!!

    ReplyDelete
  19. सभी क्षणिकाएं कमाल की हैं पर आखरी वाली तो बहुत ही बढिया ।

    ReplyDelete

आप द्वारा की गई टिप्पणीयां आप के ब्लोग पर पहुँचनें में मदद करती हैं और आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है।अत: अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।