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Monday, February 27, 2012

सब अपने लिये.....


 १
आँख देखती है
दिल को कोई अहसास नही होता।
इसी लिए अब
कोई प्यार का घर आबाद नही होता।



चाहतें तो बहुत हैं
सब पूरी कर लेंगें एक दिन ।
ये अलग बात है-
उन चाहतों में कोई दूसरा ना होगा।


आने को कहा था 

पर नही आये
अब इस बात पर खुशी होती है।
किस किस से बाँटते अपनी खुशी
अपनी तो 

खुशी में भी आँख रोती  है।


यहाँ कोई 
किसी के लिये नही जीता।
यहाँ कोई 
किसी गम में नही पीता।
कुछ को शौक है
कुछ को आदत है यहाँ।
वर्ना दिल तो सभी का
सदा रहता है रीता।


16 comments:

  1. गहरे दर्शन को उड़ेलती क्षणिकायें...

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  2. बहुत अच्छी क्षणिकाये...
    सभी प्यारी हैं...

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  3. सभी लाजवाब ... दर्शन का गहरा पुट लिए ... आखरी वाली क्षणिका तो बहुत अच्छी लगी ..

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  4. बेहतरीन क्षणिकाएं ...

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  5. यहां कोई किसी के लिये नही जीता, पर पागल मन फिर भी चाहता है साथ पाना ।

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  6. Dil to sabhi ka sada rehta hai Reeta. Bilkul sach hai.Ab kya kare praani.

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  7. वाह..
    सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...

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  8. बहुत सुंदर प्रस्तुति
    आँख देखती है
    दिल को कोई अहसास नही होता।
    इसी लिए अब
    कोई प्यार का घर आबाद नही होता।

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