इक दिन आना है उसे क्या इंतजार करें।
बेरंग जिन्दगी में , चलो कोई रंग भरें।
वैसे भी हमे मंजिल का कोई पता नही,
बस! चलो,चलना है , रुक के क्या करें।
ठहर पाया है कौन , इक पल भी यहाँ।
साँसो की डोरी,वक्त, रूकता है कब कहाँ।
जब कुछ नही है हाथ तेरे कोई क्या करे-
बस! इंतजार करता रहता है ये जहां।
भावमय करती पंक्तियां ... बेहतरीन
ReplyDeleteवाह..........
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.......
अनु
जो भी मिला, उसे सँवारें हम सब आकर..
ReplyDeleteसबकुछ तो जाना है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव ..आभार..
ReplyDeleteएक दिन तो सबको जाना है,,,
ReplyDeleteRECENT POST...: दोहे,,,,
जीवन मे जो जी लिया वो आज है और जो नही जीया वो कल है बस
ReplyDeleteयूनिक तकनीकी ब्लाrग
आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १०/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आप सादर आमंत्रित हैं |
ReplyDeleteसच है जो होना है वो होगा तो जितना हो सके जीवन में रंग भरने का प्रयास होते रहना चाहिए ... बहुत उम्दा आशावादी बोल ...
ReplyDeletelog fir bhi is univarsal truth ko bhoole rahte hain.
ReplyDeleteजिंदगी रंगीन हो जायेगी
ReplyDeleteतुम जरा बुरुश उठाओ तो ।
बहुत सुंदर कविता परमजीत जी ।