Wednesday, May 22, 2013

क्षणिकाएं

मेरा सच
मुझे ही मुँह चिढाता है
जब उसे सुन
कोई मेरा अपना ही
दुखी हो जाता है।

 ---------------------------------------
 मैंने जो पाया
उसमे  उन्हें
साजिश लगती है।
उसे पाने में 
मैंने क्या खोया
वे जानना नही चाहते....
उन्हें बस अपनी सोच
वाज़िब लगती है।
-----------------------------------------
कहो कुछ ऐसी
जिस बात तो
सब समझे।
वो भी
क्या कहना हुआ
तुम्हारी बात को
बस तुम समझे।