Monday, July 9, 2012

क्या करें........




इक दिन आना है उसे क्या इंतजार करें।
बेरंग जिन्दगी में ,   चलो कोई रंग भरें।
वैसे भी हमे मंजिल का कोई पता नही,
बस! चलो,चलना है , रुक के क्या करें।

ठहर पाया है कौन , इक पल   भी यहाँ।
साँसो की डोरी,वक्त, रूकता है कब कहाँ।
जब कुछ नही है हाथ तेरे कोई क्या करे-
बस! इंतजार करता रहता है ये  जहां।

11 comments:

  1. भावमय करती पंक्तियां ... बेहतरीन

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  2. वाह..........
    बहुत सुन्दर.......

    अनु

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  3. जो भी मिला, उसे सँवारें हम सब आकर..

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  4. बहुत सुन्दर भाव ..आभार..

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  5. जीवन मे जो जी लिया वो आज है और जो नही जीया वो कल है बस
    यूनिक तकनीकी ब्लाrग

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  6. आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १०/७/१२ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आप सादर आमंत्रित हैं |

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  7. सच है जो होना है वो होगा तो जितना हो सके जीवन में रंग भरने का प्रयास होते रहना चाहिए ... बहुत उम्दा आशावादी बोल ...

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  8. जिंदगी रंगीन हो जायेगी
    तुम जरा बुरुश उठाओ तो ।

    बहुत सुंदर कविता परमजीत जी ।

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