Thursday, April 16, 2009

मत पूछिए..............


मत पूछिए क्या सोच घर से निकल पड़ा।
हरिक कदम पे मुझको, पत्थर मिला पड़ा।

छोड़ा था घर जिस के लिए, उसे ढूंढते रहे,
वो घर अपनें बैठा रहा, जिद पे रहा अड़ा।

क्यों मान दिल की बात दिल लगा बैठे,
तड़पना तमाशा बना , वो हँसता रहा खड़ा।

अब आखिरी साँसों में, जाना तेरा वजूद,
परमजीत अपनें भीतर कब से था पड़ा।

28 comments:

  1. जीवन है जंग ऐसा पत्थर पड़े मिलेंगे।
    होते सफल है जिसमें हो हौंसला बड़ा।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  2. क्यों मान दिल की बात दिल लगा बैठे,
    तड़पना तमाशा बना , वो हँसता रहा खड़ा।

    अब आखिरी साँसों में, जाना तेरा वजूद,
    परमजीत अपनें भीतर कब से था पड़ा।
    gehre bhav kuch dil ke kareeb,bahut khub

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  3. सच के बहुत करीब ...
    सुंदर ......

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  4. सच के करीब सुन्दर लगा हर शेर

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  5. बहुत दिन बाद आपको पढ़कर काफ़ी अच्छा लगा

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  6. aatma ka sundar roop prastut kiya aapne.............satya to yahi hai magar hum use hi nhi khojte.

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  7. लाजवाब रचना है .............हर शेर खूबसूरत है

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  8. एक और सुन्दर रचना के लिए साधुवाद.

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  9. ... प्रभावशाली अभिव्यक्ति !!!!!!!

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  10. लाजवाब रचना अब आखरी सासों मे जाना तेरा बजूद आखिर ढूंड ही लिया

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  11. सुन्दर रचना. पत्थरों को हटाते चलें ताकि दूसरा न गिर पड़े.

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  12. सुन्दर रचना .शुभकामनायें.

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  13. मत पूछिये क्या सोच घर से निकल पड़ा
    हरेक कदम पे मुझको पत्थर मिला पड़ा

    वाह वाह...बलि जी तुसीं ते कमाल कर दित्ता....!!

    अब आखिरी सांसों में जाना तेरा वजूद
    परमजीत अपने भीतर कबसे था पडा

    अब जब आपने जान ही लिया है तो हमें और अच्छी अच्छी गज़लें पढने को मिलेंगी उम्मीद है .....!!

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  14. बालीजी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ती है शु्भका् मनायें

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  15. बहुत सही परमजीत जी सुंदर रचना...बधाई हो !

    पत्थर मिला फिर भी दीवानगी तो देखिए,
    आख़िरी साँसों तक तेरी याद संभाले रखा.

    तमाशा बना तुझे, रिझाता रहा हर पल,
    तेरी हँसी का ख्वाब, अपने दिल मे पाले रखा.

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  16. वाह भई!! बहुत उम्दा रचना!! आनन्द आया/

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  17. सुन्दर भावपूर्ण रचना....बधाई

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  18. सुंदर अभिव्यक्ति के लिए बधाई

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  19. पहले तो मै आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हू कि आपको मेरी शायरी पसन्द आयी !
    बहुत ही खुबसूरत लिखा है आपने ! आप एक बहुत ही अच्छे कलाकार है !

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