हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
बात कोई समझे न समझे गिला था कह चले यहाँ--- बाली जी आपका गिला तो हमेशा सर आँखों पर रहता है। बहुत भावमय और अच्छा कहा तिलक जी की बात से सहमत हूँ। आप पहले ही बहुत अच्छा लिखते हैं मगर अब रफ्तार कुछ कम हो गयी है। जल्दी पोस्ट लिखा करें। शुभकामनायें।
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सुंदर।
ReplyDeleteविचारोत्तेजक।
रहना नहीं, देश बिराना है,...
ReplyDeleteबेहतरीन..
ReplyDeleteसमझ पर बेहतर लिखा आपने !
ReplyDelete5/10
ReplyDeleteसुन्दर बोधात्मक रचना
दूसरा और तीसरा शेर बहुत अच्छे भाव में है.
विचारणीय.... पर यही तो होता है....
ReplyDeleteAB KYA SUNAYEN KHNEY KO KUCH NAHI YAHAN...........
ReplyDeleteSUNDER PANKTIYAN,
बात कोई समझे, ना समझे , गिला नही,
ReplyDeleteपरमजीत कुछ कहना था कह चले यहाँ।
वैसे सही कह चले हैं आप. मैंने तो समझ लिया हा हा... बहुत गहरी बात कह डाली आपने
बात कोई समझे, ना समझे , गिला नही,
ReplyDeleteपरमजीत कुछ कहना था कह चले यहाँ ..
गहरी बात कह दी है आपने ....
बहुत गम्भीर भावों की सहज अभिव्यक्ति----।
ReplyDeleteपरमजीत जी, समझना न समझना अपना काम नहीं, अपना काम तो दिल की बात कहना है, कहते रहना चाहिये। धीरे-धीरे सुनने वाले मिलेंगे फिर समझने वाले भी।
ReplyDeletesunder lagi.
ReplyDeleteबात कोई समझे न समझे गिला था कह चले यहाँ--- बाली जी आपका गिला तो हमेशा सर आँखों पर रहता है। बहुत भावमय और अच्छा कहा तिलक जी की बात से सहमत हूँ। आप पहले ही बहुत अच्छा लिखते हैं मगर अब रफ्तार कुछ कम हो गयी है। जल्दी पोस्ट लिखा करें। शुभकामनायें।
ReplyDeleteप्रभावी
ReplyDeleteबस खेल है खुदा का, वही खेले रात -दिन,
नासमझ, अपना समझ, बैठे थे ये जहाँ।
वाह
प्रिय जब प्रेम कुटी में आना
bhavuk
ReplyDeleteदेवी महालक्ष्मी कि कृपा से
ReplyDeleteआपके घर में हमेशा...
उमंग और आनंद कि रौनक हो ..
इस पावन मौके पर आपको...
पावन पर्व दीपावली कि हार्दिक..
सुभ कामनाये....
सराहनीय लेखन........
ReplyDelete+++++++++++++++++++
चिठ्ठाकारी के लिए, मुझे आप पर गर्व।
मंगलमय हो आपके, हेतु ज्योति का पर्व॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
अच्छी अभिव्यक्ति। बधाई।
ReplyDeleteकोई समझे या नहीं समझे, मगर कहने का दिल हो तो जरूर कह लेना चाहिये. और आपने कह दिया तो बहुत अच्छा किया. कविता के भाव बहुत ही अच्छे लगे.
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