आग को लगनें दो
आग से रोशनी फैलेगी
तभी नजर आएगा
कि हमारे आस-पास
क्या हो रहा है।
इस की परवाह
कौन करता है-
कि यह आग
किस के घर पर लगी है।
यह आग
जिस के कहनें पर
हम लगाते हैं।
उस की नजर
हमारे घर पर भी है।
इस आग में
जलते अरमा,इंसा और...
चीखते घरों का बोझ
हमारे सर पर भी है।
इस आग से बचना है तो
इस आग से मत खेलों।
जिस के कहनें पर
आग लगाते हो
उसे मत झेलों।