Friday, August 1, 2008

चलो चाँद की ओर

विज्ञानिकों ने कहा है कि चाँद पर पानी हो सकता है। यह खबर स्च्ची है या नही कुछ पता नही लेकिन यदि चाँद पर सच में ही पानी मिल जाता है तो हमारे वैज्ञानिक वहाँ पहुँच कर क्या काम करेगें। इसी पर कुछ प्रकाश डाला है। क्यूँकि धरतीवासीयॊं से इस से ज्यादा की उम्मीद नही की जा सकती।ये वैज्ञानिक वहाँ जाकर जो करेगें वह जानिए।

चलो चाँद की ओर ।


चलो चाँद की ओर ।


धरती को तो नर्क बना दिया


परमाणु बंम्ब से इसे सजा दिया


बचा ना कोई छोर॥


बचा ना कोई छोर...


चलो चाँद की ओर ... चलो....


चाँद पे जा के बंम सजाएं


नफरत की फसलें लहराएं


करें धर्मके नाम पर शोर॥


चलो चाँद की ओर ।
चलो चाँद की ओर ।

17 comments:

  1. परमजीत जी बहुत ही सुन्दर ओर सच्चाई दर्शाती कविता, धन्यवाद

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  2. bahut baDh.iyaa americans par poorii tarah laagoo hoti hai, jai AIDS janam data!

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  3. क्या खूब कहा है आपने बाली जी. फ़िर चाँद की ज़मीन पर कब्जे के लिए युद्ध होंगे शायद.

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  4. चलो चाँद की ओर ।
    चलो चाँद की ओर ।
    धरती को तो नर्क बना दिया
    परमाणु बंम्ब से इसे सजा दिया

    " very well said, it is the real face of our world today which you have described in your poetry"

    Regards

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  5. छोटी लेकिन अच्छी रचना...
    नीरज

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  6. धरती को तो नर्क बना दिया
    परमाणु बंम्ब से इसे सजा दिया

    बाली साहब बहुत बढिया कहा आपने !

    शुभकामनाएं !

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  7. thora apni kavitaao ko saaz/rhythm bhi deejiye....

    Like the alternate lines should end with the same sound....
    e.g. aagaz, aawaaz, saaz, aitraaz....

    Bahut badhia likha hai poem aapne...

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  8. PARAMJEET BHAI WAIGYANIK YE SAB NAHI KARATE .KARTE TO POLITICIANS HAIN UNHE KYUN CHOD DIYA

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  9. चाँद की ओर जाने का
    माकूल सबब बताया आने.
    पर बात गहरी भी है.
    ====================
    बधाई
    डा.चन्द्रकुमार जैन

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  10. मनुष्‍य की प्रवृत्‍ति को उजागर करती कविता है। बधाई

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  11. खूब कहा आपने.... आदमी का बस चले तो यह दुनिया आज ही ख़त्म हो जाए....
    बहुत ही बढिया।

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  12. आपकी कविता धूमिल के कथन की याद दिलाती है कि 'सही कविता सबसे पहले एक सार्थक वक्तव्य होती है'। सुन्दर और सार्थक।

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  13. बहुत अच्छी रचना

    धारती को नर्क बनाने के बाद अब चाँद को नर्क बनाना बाकी है

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