सपनें
टूट जाते हैं..
जब नींद टूटती है।
इस लिये अब
सपनों के पीछे
नहीं भागता।
बस! नींद ना आये.....
तुझ से यही हूँ माँगता।
***********************
दुनिया के दुखों से
दुखी हो कर बहुत रो चुका हूँ
अब दुख को मित्र बनाना चाहता हूँ
शायद दुख भी
शत्रुता भूल कर
मुझे अपना ले।
क्योंकि
मित्र हमेशा
बुरे वक्त पर काम आता है।
इस लिये हर इन्सान
बुरे वक्त पर
तुम्हारे गीत गाता है।
**************************
टूट जाते हैं..
जब नींद टूटती है।
इस लिये अब
सपनों के पीछे
नहीं भागता।
बस! नींद ना आये.....
तुझ से यही हूँ माँगता।
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दुनिया के दुखों से
दुखी हो कर बहुत रो चुका हूँ
अब दुख को मित्र बनाना चाहता हूँ
शायद दुख भी
शत्रुता भूल कर
मुझे अपना ले।
क्योंकि
मित्र हमेशा
बुरे वक्त पर काम आता है।
इस लिये हर इन्सान
बुरे वक्त पर
तुम्हारे गीत गाता है।
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बुरे वक्त पर मित्र ही काम आता है और प्रभु से बढ कर मित्र कौन। सुंदर रचना ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर ।
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