सहलाने के बहानें जब कोई जख्म कुरेदे।
इंसानियत के नाम पर, कोई शख्स है खेले।
निभाए रस्म बुझाने की, लगा कर पहले आग,
आज दिख रहे हैं यहाँ, लगे ऐसे ही मेले।
चलना सम्भल के दुनिया के रंग निराले।
हर साधू ने शैतान, यहाँ अपने हैं पाले।
धोखा ना खाना देख चेहरा इंसान का यहाँ,
जानवर बनने लगे पहन, आदमी की खालें।
हो सकता है कभी तुझे, मिलाहो कोई अपना।
उसको भुला दे यार, समझ मीठा-सा सपना।
जब तलक है मतलब, तेरे साथ चलेगा,
मतलब जो हुआ पूरा, राह पकड़ेगा अपना।
हमनें तो हरिक को, रोते यहाँ देखा है।
मुस्कराते चहरों के पीछे, दर्द को देखा है।
इक अधूरापन लिए सब जीते-मरते हैं,
कोई माने या ना मानें, यही सबका लेखा है।
अच्छी रचना है, खरी-खरी। बधाई
ReplyDeleteनिभाए रस्म बुझाने की, लगा कर पहले आग,
ReplyDeleteआज दिख रहे हैं यहाँ, लगे ऐसे ही मेले।
चलना सम्भल के दुनिया के रंग निराले।
हर साधू ने शैतान, यहाँ अपने हैं पाले।
' BHUT SUNDER RACHNA"
Regards
हो सकता है कभी तुझे, मिलाहो कोई अपना।
ReplyDeleteउसको भुला दे यार, समझ मीठा-सा सपना।
जब तलक है मतलब, तेरे साथ चलेगा,
मतलब जो हुआ पूरा, राह पकड़ेगा अपना।
सही कह रह हो, सब मतलब से है। बढ़िया!
प्रिय परमजीत, आपकी हर रचना ने मेरा दिल छुआ है, लेकिन यह कविता उन सबसे अलग हट कर है. इसकी पहली पंक्ति ने ही दिल में हलचल मचाना शुरू कर दिया एवं अंत तक एक सांस में पढ गया. फिर दुबारा पढा, तब लगा कि यह बात आप को बताई जाये कि यह एक असामान्य रचना है!! आपकी कलम से काफी मोती गिरे हैं एवं मैं ने उनका काफी आस्वादन क्या है. लेकिन यह एक हीरा निकला!!
ReplyDeleteलिखते रहे!!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- समय पर प्रोत्साहन मिले तो मिट्टी का घरोंदा भी आसमान छू सकता है. कृपया रोज कम से कम 10 हिन्दी चिट्ठों पर टिप्पणी कर उनको प्रोत्साहित करें!! (सारथी: http://www.Sarathi.info)
सुंदर रचना. बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteधोखा ना खाना देख चेहरा इंसान का यहाँ,
ReplyDeleteजानवर बनने लगे पहन, आदमी की खालें।
bahot hi sundar rachana hai bali sahab bahot khub likha hai aapne.......bahot pasand aaya.
regards
Arsh
बहुत सटीक, बेहतरीन!!
ReplyDeletemujhe kaafi time baad aapki koi rachna pasand aai hai
ReplyDeleteaur bahut hi zabardast pasand aai hai...
Bahut hi badhia...Bahut khoob...
Keep it up !!
खूब अच्छा लीखें हैं।
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई!
सुन्दर भावाभिव्यक्ति के लिये साधुवाद....
ReplyDelete