पता नही क्यों कई बार मेरा मन त्यौहार के दिन खास कर दिवाली के दिन परेशान -सा हो जाता है।...कारण यह है कि मुझे धूएँ से बहुत परेशानी होनें लगती है। आँखों मे जलन -सी होने लगती है..धूँए की गधं से उबकाई आनें लगती है। जिस कारण दिवाली का मजा उठानें की बजाए मैं घर में ही बैठा रहता हूँ। इस बार एक और वजह से भी दिवाली फीकी लग रही है...कोई अपना दिवाली से कुछ पहले अलविदा कह कर हमेशा के लिए अंधेरों मे खो गया है।ना मालूम कितने घर ऐसे होगें जहाँ अंधेरा रहेगा\...एक खबर यह भी थी की ग्वालियर में..एक दिवाली मेले का शुरू होने से पहले ही आग में जल कर स्वाह हो गया।
लेकिन आप सभी जमकर दिवाली मनाएं।आप सभी को दिवालली की ढेरों बधाईयां।
दीया जला कहीं दिल जला कहीं जल गया आशियाना।
रोशनी तो एक है पर अलग-अलग है बहाना।
जो लिखा किस्मत में तेरी वही तू पाएगा,
कोई हँसे,रोए,आए-जाए यूहीं चलता रहेगा जमाना।
मन मत छोटा करिये.
ReplyDeleteआप एवं आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं।
कोई हँसे,रोए,आए-जाए यूहीं चलता रहेगा जमाना। ----- सच कहा आपने...पर्व कहीं उल्लास और कहीं उदासी लेकर आते हैं.
ReplyDeleteफिर भी हम एक दूसरे की खुशहाली की कामना करते हैं. दीपों का पर्व मंगलमय हो..
तम से मुक्ति का पर्व दीपावली आपके पारिवारिक जीवन में शांति , सुख , समृद्धि का सृजन करे ,दीपावली की ढेर सारी बधाईयाँ !
ReplyDeleteपरमजीत जी
ReplyDeleteजिन्दगी में हादसे होते रहते हैं, और हमें अपने लिए खुशियाँ स्वयं जुटानी होतीं है. ग्वालियर में जो हादसा हुआ उसे पूरा शहर बहुत दुखी हुआ पर यह खैरियत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ.वैसे यह त्यौहार जब आते हैं तो आदमी का दर्द भी उभर कर मन में आता है. पर दोस्त वह जो उदास न होने दे और हम चाहते हैं कि आप खुश रहें और दीपावली का यह पावन पर्व आपको उल्लास प्रदान करे. दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
दीपक भारतदीप
आज पहली बार आपके ब्लाग पर आया
ReplyDeleteभाया
अभी पढ़ रहा हूं
अच्छा है !
अपना भी कुछ ऐसा ही आलम रहा.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी है अच्छे विचार है प्रदुष्ण कम करने के लीये
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