हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
आप द्वारा की गई टिप्पणीयां आप के ब्लोग पर पहुँचनें में मदद करती हैं और आप के द्वारा की गई टिप्पणी मेरा मार्गदर्शन करती है।अत: अपनी प्रतिक्रिया अवश्य टिप्पणी के रूप में दें।
अच्छे कार्टून बनाते हैं आप तो।
ReplyDeletebahut badhiyaa kartoon hai
ReplyDeletedeepak bharatdeep
आप क लेख समझ्ने के लिए पहले मोहल्ले का लेख पढना पढता है। सही चोट कर रहे हो।
ReplyDelete