१
आज जो बीज
तुमने बोया है
उस का फल
उस बीज के
तुमने बोया है
उस का फल
उस बीज के
वृक्ष बनने पर
तब नजर आएगा
जब उस पर फल आएगा ।
अभी से उस के
कटु या मधुर होनें का
अनुमान लगाना
मात्र ऐसा ही है
जैसे कल्पनाऒं के घोड़े दोड़ाना
एक बेसुरा गीत गाना ।
तब नजर आएगा
जब उस पर फल आएगा ।
अभी से उस के
कटु या मधुर होनें का
अनुमान लगाना
मात्र ऐसा ही है
जैसे कल्पनाऒं के घोड़े दोड़ाना
एक बेसुरा गीत गाना ।
जिसे तुमनें
मीठा समझ बोया था
जरूरी नही
वह मीठा ही निकले
समय का फैर
उस स्वाद को
बदल सकता है
तुम्हारे सपनों को
मसल सकता है
२
सब का पथ
एक-सा नही होता
हरिक बच्चा
भूख से नही रोता
हरिक के अपने-अपने कारण हैं
हरिक के अपने-अपने निवारण हैं
२
सब का पथ
एक-सा नही होता
हरिक बच्चा
भूख से नही रोता
हरिक के अपने-अपने कारण हैं
हरिक के अपने-अपने निवारण हैं
३
मेरे करने से अगर कुछ होता
यहाँ कोई नही रोता
कौन चाहता है
नही सुखी होना
फूलों की जगह
काँटों को बोना
मगर कहीं कुछ
अनबूझा भी है
उस के बिना
किसी को कब कुछ
सूझा भी है
मेरे करने से अगर कुछ होता
यहाँ कोई नही रोता
कौन चाहता है
नही सुखी होना
फूलों की जगह
काँटों को बोना
मगर कहीं कुछ
अनबूझा भी है
उस के बिना
किसी को कब कुछ
सूझा भी है
४
जब तक समर है भीतर
तुम सदा हारोंगे
अपने आप को कभी
दूजों को मारोगे
जब तक समर है भीतर
तुम सदा हारोंगे
अपने आप को कभी
दूजों को मारोगे
जिसे तुमनें
ReplyDeleteमीठा समझ बोया था
जरूरी नही
वह मीठा ही निकले
समय का फैर
उस स्वाद को
बदल सकता है
सुंदर पंक्तियाँ
जब तक समर है भीतर
ReplyDeleteतुम सदा हारोंगे
अपने आप को कभी
दूजों को मारोगे
vaah kyaa baat kahee
deepak bharatdeep
बहुत सही लिखा है जीवन की अपूर्णता इन्सान पर सदा हावी रहती है। ऐसा लगता रहता हैं कि कुछ कमी रह गई है कही ना कही।
ReplyDeleteमेरे करने से अगर कुछ होता
यहाँ कोई नही रोता
कौन चाहता है
नही सुखी होना
फूलों की जगह
काँटों को बोना
मगर कहीं कुछ
अनबूझा भी है
उस के बिना
किसी को कब कुछ
सूझा भी है
Saaree hee panktiyaan sundar hai!!
ReplyDeleteParamjeet jee aapkee tippanee milee."Neele Peele Phool"kathaa aapko pasand aayee padhke badee khushee huee.Aap zaroor is kahaneekaa link apne blog pe de sakte hai!Mujhe khushee hogee!
Dhanyawaad!
aapkee namr
shama