हम से होकर अनंत दिशाएं चारों ओर जाती हैं....लेकिन सभी दिशाएं वापिस लौटनें पर हम में ही सिमट जाती हैं...हम सभी को अपनी-अपनी दिशा की तलाश है..आओ मिलकर अपनी दिशा खोजें।
आप सही कह रहे हैं। आज़ाद हिन्दुस्तान में क्रांतिकारियों के कार्यों को उलट दिया गया है। ऐसा होना तय ही था क्योंकि वे क्रांतिकारी मुट्ठीभर थे। जब तक प्रत्येक व्यक्ति के अंतर में आमूल क्रांति घटित नहीं होगी, शेष क्रांतियाँ व्यर्थ साबित होती रहेंगी।
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भाया , सब सच कह रहे हो।पर अब उन शहीदों को यो संदेसवा पहुँचावेगा कौन?
ReplyDeleteआप सही कह रहे हैं। आज़ाद हिन्दुस्तान में क्रांतिकारियों के कार्यों को उलट दिया गया है। ऐसा होना तय ही था क्योंकि वे क्रांतिकारी मुट्ठीभर थे। जब तक प्रत्येक व्यक्ति के अंतर में आमूल क्रांति घटित नहीं होगी, शेष क्रांतियाँ व्यर्थ साबित होती रहेंगी।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया. प्रतीक जी से मैं पूर्णतः सहमत हूँ.
ReplyDeletebaalI jI अब क्या इच्छा तो इन्हे उन्के पास भेजने की हो रही है
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